रामलला के दिव्‍य आभूषण, जानें इनकी खासियतें

अयोध्या में प्रभु श्री रामलला की मूर्ति की पूरे विधि-विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है. अब रामलला मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं. प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामलला को सबसे पहले स्‍नान कराकर फिर उनका श्रृंगार किया गया था. भगवान श्री रामलला का एक-एक आभूषण बेहद खास है चलिए जानते हैं इनकी खासियतें.

अयोध्या में प्रभु श्री राम की मूर्ति की पूरे विधि-विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा की गई है. रामलला मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं

बता दें कि प्रभु राम की मूर्ति कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है. यह मूर्ति वाकई में बेहद मनमोहक है. जिसे देख हर कोई मंत्रमुग्‍ध हो गया है

प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामलला को सबसे पहले स्‍नान कराकर उनका श्रृंगार किया गया था. इस दौरान उन्हें वस्त्रों से सुशोभित किया गया

इन दिव्य आभूषणों का निर्माण अध्यात्म रामायण, श्रीरामचरितमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन और उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप शोध और अध्ययन के उपरान्त किया गया है

इस शोध के अनुरूप श्री यतींद्र मिश्र की परिकल्पना और निर्देशन से, इन आभूषणों का निर्माण श्री अंकुर आनन्द के संस्थान हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स, लखनऊ ने किया है.

भगवान बनारसी वस्त्र की पीताम्बर धोती तथा लाल रंग के पटुके / अंगवस्त्रम में सुशोभित हैं. इन वस्त्रों पर शुद्ध स्वर्ण की ज़री और तारों से काम किया गया है, जिनमें वैष्णव मंगल चिन्ह- शंख, पद्म, चक्र और मयूर अंकित हैं

इन वस्त्रों का निर्माण श्री अयोध्या धाम में रहकर दिल्ली के वस्त्र सज्जाकार श्री मनीष त्रिपाठी ने किया है